प्रयागराज न्यूज डेस्क: दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाके के मामले में गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन की जांच अब उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड तक पहुंच गई है। बुधवार को खुफिया विभाग की एक टीम प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां शाहीन ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई की थी। टीम ने उनके एडमिशन, परीक्षा और इंटर्नशिप से जुड़े सभी दस्तावेज खंगाले। इस दौरान कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया, हालांकि अधिकारी और स्टाफ इस पर कुछ भी बोलने से बचते रहे।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. शाहीन ने 1996 बैच में एमबीबीएस में दाखिला लिया था और 2002 में प्रथम श्रेणी में पास किया। वह पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही थीं और हाईस्कूल से लेकर इंटरमीडिएट तक भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुई थीं। एमबीबीएस पूरा करने के बाद उन्होंने फार्माकोलॉजी में एमडी किया। इसके बाद उन्होंने यूपी लोक सेवा आयोग के जरिए चयनित होकर 2006-07 में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में जॉइन किया था।
2013 में दोबारा कानपुर कॉलेज लौटने के बाद उनकी गतिविधियां संदिग्ध बताई गईं। जांच एजेंसियों का दावा है कि उसी दौरान वह कुछ देश-विरोधी तत्वों के संपर्क में आईं। लंबे समय तक अनुपस्थित रहने और अनुशासनहीनता के कारण 2021 में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। बताया गया है कि वह लखनऊ निवासी सईद अहमद अंसारी की बेटी हैं और तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं।
जांच टीम अब डॉ. शाहीन के पुराने साथियों और प्रोफेसरों से भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। जानकारी मिली है कि उनकी एक सहपाठी प्रयागराज में पैथोलॉजी क्लिनिक चलाती हैं, जिनसे एजेंसियां जल्द संपर्क कर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि शाहीन मेडिकल कॉलेज के दिनों में काफी शांत स्वभाव की थीं और अपने साथियों से कम ही मेलजोल रखती थीं, लेकिन अब उनका नाम दिल्ली धमाके जैसे गंभीर मामले में सामने आने से सभी हैरान हैं।